फूल से शक्ती अल्बेनियन खेर के पौधे मिट्टी से ev battery धातु चूसते हैं।
एक पौधा अपने शरीर के वजन का 2 प्रतिशत तक निकल जमा कर सकता है।
इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती लोकप्रियता के कारण निकल की मांग में वृद्धि हुई है। जबकि अधिक अयस्क खनन इस मांग को पूरा करने का एक तरीका है, कई स्टार्ट अप अधिक टिकाऊ दृष्टि कोण के साथ औद्योगिक आवश्यकता को पूरा करने के बजाय खेती की ओर भी रुख कर रहे हैं।
औद्योगिक युग की बाद से मानव धातुओं की खोज को खनन द्वारा पूरा कर रहा है। यह प्रवृत्ति आ तक कायम है और भले ही दुनिया इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने पर विचार कर रही है, उत्पादन मांग को पूरा करने के लिए लिथियम निकल और कोबाल्ट का खनन अब तक के उच्चताम स्तर पर ही हैं।
खनन ऊर्जा गहन है और कॉर्बन उत्सर्जन जीवाश्म ईंधन द्वारा संचालित होती है। इससे केवल अधिक उत्सर्जन होता है गैर प्रदूषणकारी ev में उपयोग किए जाने वाले एक टन निकल के खनन से 59 टन तक कार्बम डाइऑक्साइड उत्सर्जन हो सकता है।
इसलिए स्टार्टअप अब ऐसे पौधे की ओर रुख कर रहे है जो मिट्टी से nikel को एक जगह इकट्ठा कर सकते है। वैज्ञानिक रूप से इसे फाइटोमाइनिंग कहा जाता है। इसमें nikel निकालने के साथ साथ खनन को रोकने का दोहरा लाभ हैं।
What is phytomining in hindi..
फाइटो माइनिंग क्या हैं??
फाइटो माइनिंग मिट्टी से रुचिकर धातुओं को संद्रित करने के लिए पौधो की विशिष्ट प्रजातियों का उपयोग करती है। खेतो ऐसी मिट्टी पर की जाती है जहा धातु पहले से मौजूद हैं लेकीन संद्रता इतनी मौजूद नही की खनन की जा सके।
एक बार जब पौधे परिपक्व हो जाते है तो उन्हें खेत में सुखाया जाता है और फिर कार्बनिक पदार्थ को तोड़ने के लिए गर्म किया जाता है बाद में राख का उपयोग रुचि की धातु निकालने के लिए किया जाता है। यह अवधारणा नई नही है और इसे अन्य रूपों में भी अजमाया गया था जैसे की धातु को केंद्रित करने के लिए सुक्ष्म जीवो का उपयोग करना या मिट्टी से कुछ प्रदूषकों को साफ करना।